कन्नौज में महाबोधि महाविहार को बौद्धों को दिए जाने की मांग ? राष्ट्रपति और पीएम को सौंपा गया ज्ञापन!
कन्नौज स्थित सम्राट अशोक चैरिटेबल ट्रस्ट ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और बिहार सरकार को पत्र भेजकर महाबोधि महाविहार, बोधगया का प्रबंधन पूर्ण रूप से बौद्ध समुदाय को सौंपने की मांग की है। ट्रस्ट ने B.T. Act 1949 को संविधान के अनुच्छेद 25 और 26 का उल्लंघन बताते हुए इसे खत्म करने की मांग उठाई है। इस मुद्दे को लेकर जिला पंचायत अध्यक्ष ओमकार शाक्य समेत कई लोगों ने जिलाधिकारी कन्नौज को ज्ञापन सौंपा। सोशल मीडिया पर भी इस विषय पर लगातार बहस हो रही है।

INDC Network : कन्नौज, उत्तर प्रदेश : महाबोधि महाविहार: धार्मिक स्थल पर बौद्धों के अधिकार की मांग तेज
बौद्धों को सौंपा जाए महाबोधि महाविहार – सम्राट अशोक चैरिटेबल ट्रस्ट
कन्नौज स्थित सम्राट अशोक चैरिटेबल ट्रस्ट ने महाबोधि महाविहार, बोधगया के प्रबंधन को पूर्ण रूप से बौद्ध समुदाय को सौंपने की मांग की है। ट्रस्ट का कहना है कि यह स्थल बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए अत्यंत पवित्र है और इसका प्रबंधन भी बौद्धों के हाथों में होना चाहिए।
संविधान का उल्लंघन – B.T. Act 1949 को समाप्त करने की मांग
सम्राट अशोक चैरिटेबल ट्रस्ट ने अपने पत्र में B.T. Act 1949 का हवाला देते हुए कहा कि यह अधिनियम संविधान के अनुच्छेद 25 और 26 का उल्लंघन करता है। अनुच्छेद 25 और 26 नागरिकों को धार्मिक स्वतंत्रता और अपने धार्मिक स्थलों के प्रबंधन का अधिकार देते हैं। ट्रस्ट ने आरोप लगाया कि बौद्ध धर्म के अनुयायियों को उनके धार्मिक स्थल का पूरा अधिकार नहीं मिल रहा, जो असंवैधानिक है।
प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और बिहार सरकार को पत्र
इस मांग को लेकर ट्रस्ट ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र भेजा है। ट्रस्ट का कहना है कि यदि बौद्धों को महाबोधि महाविहार का संपूर्ण प्रबंधन सौंपा जाता है, तो इससे उनकी धार्मिक स्वतंत्रता को बल मिलेगा और भारत की छवि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और अधिक मजबूत होगी।
जिलाधिकारी को सौंपा गया ज्ञापन
इस मांग को लेकर जिला पंचायत अध्यक्ष ओमकार शाक्य समेत कई बौद्ध अनुयायियों ने कन्नौज के जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से इस मामले में हस्तक्षेप करने और महाबोधि महाविहार को बौद्धों को सौंपने की मांग की गई।
सोशल मीडिया पर उठी बहस
जिला पंचायत अध्यक्ष ओमकार शाक्य ने सोशल मीडिया पर इस मुद्दे को लेकर पोस्ट लिखी, जिसमें उन्होंने कहा कि "महाबोधि महाविहार को बौद्धों को सौंपने के लिए राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और बिहार सरकार को ज्ञापन सौंपा गया है। यह बौद्धों की आस्था से जुड़ा मामला है और सरकार को जल्द फैसला लेना चाहिए।"
क्या सरकार उठाएगी कदम?
अब देखना होगा कि बिहार सरकार और केंद्र सरकार इस मुद्दे पर क्या रुख अपनाती हैं। क्या बौद्धों को उनका धार्मिक स्थल का संपूर्ण प्रबंधन मिल पाएगा, या फिर यह विवाद ऐसे ही चलता रहेगा?
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