कन्नौज के युवा शाक्य संगठन ज्ञापन सौंपते हुए महाबोधि विहार को बौद्दों को सौंपने की मांग की

कन्नौज के युवा शाक्य संगठन ने बिहार के मुख्यमंत्री और जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा, जिसमें महाबोधि महाविहार, बोधगया का प्रबंधन पूर्ण रूप से बौद्धों को सौंपने की मांग की गई। संगठन का कहना है कि B.T. Act 1949 संविधान के अनुच्छेद 25 और 26 का उल्लंघन करता है। संगठन ने चेतावनी दी कि इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाया जाएगा।

Feb 28, 2025 - 13:09
May 19, 2025 - 09:34
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कन्नौज के युवा शाक्य संगठन ज्ञापन सौंपते हुए महाबोधि विहार को बौद्दों को सौंपने की मांग की

INDC Network : कन्नौज : कन्नौज के युवा शाक्य संगठन ने बिहार के मुख्यमंत्री और जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा, जिसमें महाबोधि महाविहार, बोधगया का प्रबंधन पूर्ण रूप से बौद्धों को सौंपने की मांग की गई। संगठन का कहना है कि B.T. Act 1949 संविधान के अनुच्छेद 25 और 26 का उल्लंघन करता है। संगठन ने चेतावनी दी कि इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाया जाएगा।

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संगठन की मांग: बौद्धों को मिले महाबोधि महाविहार का अधिकार

युवा शाक्य संगठन (उत्तर प्रदेश) ने बिहार सरकार और जिला प्रशासन से मांग की है कि महाबोधि महाविहार, बोधगया का प्रबंधन पूरी तरह से बौद्ध समुदाय को सौंपा जाए। संगठन ने इस मांग को लेकर छिबरामऊ, कन्नौज में एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राष्ट्रपति को भी पत्र की प्रति भेजी गई।

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संगठन के अनुसार, महाबोधि महाविहार बौद्ध धर्म का एक प्रमुख तीर्थस्थल है, लेकिन उसका प्रबंधन बौद्धों के हाथ में नहीं होने से उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंच रही है। संगठन का कहना है कि जब अन्य धर्मों के धार्मिक स्थलों का प्रबंधन उनके अनुयायियों के पास है, तो बौद्धों के साथ ऐसा भेदभाव क्यों?


B.T. Act 1949 पर सवाल

युवा शाक्य संगठन ने अपने पत्र में B.T. Act 1949 का उल्लेख करते हुए इसे असंवैधानिक बताया। संगठन ने आरोप लगाया कि यह अधिनियम भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25 और 26 का उल्लंघन करता है, जो धार्मिक स्वतंत्रता और पूजा-अर्चना के अधिकार की गारंटी देता है।

संगठन ने मांग की कि भारत के धर्मनिरपेक्ष स्वरूप को ध्यान में रखते हुए महाबोधि महाविहार का संपूर्ण प्रशासन बौद्धों को दिया जाए। इसके लिए सरकार को जल्द से जल्द कदम उठाने चाहिए।


अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठेगा मुद्दा

युवा शाक्य संगठन ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगों को नजरअंदाज किया गया, तो वे इस विषय को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाने के लिए मजबूर होंगे। संगठन का कहना है कि यह मुद्दा केवल भारत का नहीं, बल्कि पूरे विश्व के बौद्ध समुदाय का है।

संगठन ने अपील की कि सरकार को इस विषय पर गंभीरता से विचार करना चाहिए, ताकि बौद्ध समुदाय को उनका हक मिल सके और भारत की छवि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और अधिक मजबूत हो।


ज्ञापन सौंपने के दौरान मौजूद प्रमुख लोग

इस ज्ञापन को सौंपने के दौरान कई प्रमुख बौद्ध अनुयायी मौजूद रहे, जिनमें शामिल हैं:

सम्राट हर्ष शाक्य, सौरभ शाक्य, सचिन शाक्य, ऋषभ शाक्य, हरि शरण शाक्य, तीरथ राज शाक्य, गौरव शाक्य, रामबाबू शाक्य, सिंटू शाक्य, रवि शाक्य, अमन कुमार, नरेंद्र शाक्य, विजय शाक्य, रोहित शाक्य, विकास शाक्य, अंशुल शाक्य, अमित शाक्य आदि लोग मौजूद रहे, सभी ने एकमत से कहा कि महाबोधि महाविहार का प्रशासन बौद्धों को सौंपा जाना चाहिए और इस विषय पर जल्द से जल्द निर्णय लिया जाना चाहिए।


संभावित प्रभाव और सरकार का रुख

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि बिहार सरकार और केंद्र सरकार इस मांग पर क्या प्रतिक्रिया देती हैं। क्या बौद्ध समुदाय को उनका हक मिलेगा, या फिर यह विवाद और लंबा खिंच जाएगा?

बौद्ध अनुयायियों की बढ़ती नाराजगी और अंतरराष्ट्रीय समर्थन को देखते हुए सरकार पर इस मुद्दे पर फैसला लेने का दबाव बढ़ता जा रहा है।

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Arpit Shakya नमस्कार! मैं अर्पित शाक्य, INDC Network का मुख्य संपादक हूँ। मेरा उद्देश्य सूचनाओं को जिम्मेदारी और निष्पक्षता के साथ आप तक पहुँचाना है। INDC Network पर मैं स्थानीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खबरों को आपकी भाषा में सरल, तथ्यपरक और विश्वसनीय रूप में प्रस्तुत करता/करती हूँ। पत्रकारिता के क्षेत्र में मेरा विश्वास है कि हर खबर का सच सामने आना चाहिए, और यही सोच मुझे जनहित से जुड़ी खबरों की तह तक जाने के लिए प्रेरित करती है। चाहे वह गाँव की आवाज़ हो या देश की बड़ी हलचल – मेरा प्रयास रहता है कि आपके सवालों को मंच मिले और जवाब मिलें। मैंने INDC Network को एक ऐसे डिजिटल मंच के रूप में तैयार किया है, जहाँ लोकल मुद्दों से लेकर ग्लोबल घटनाओं तक हर आवाज़ को जगह मिलती है। यहाँ मेरी प्रोफ़ाइल के माध्यम से आप मेरे द्वारा लिखे गए समाचार, लेख, इंटरव्यू और रिपोर्ट्स पढ़ सकते हैं।