इटावा में सौंपा गया ज्ञापन : महाबोधि मंदिर के प्रबंधन को लेकर बौद्ध समाज की बड़ी मांग!

बौद्ध संगठनों ने बिहार सरकार को ज्ञापन सौंपकर महाबोधि मंदिर का प्रबंधन पूर्ण रूप से बौद्धों को सौंपने की मांग की है। उनका कहना है कि B.T. Act 1949 असंवैधानिक है और इसे समाप्त कर मंदिर का पूरा प्रशासनिक नियंत्रण बौद्ध धर्म के अनुयायियों को सौंपा जाए। संगठन ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द निर्णय नहीं लिया गया तो देशव्यापी आंदोलन छेड़ा जाएगा।

Feb 25, 2025 - 16:25
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इटावा में  सौंपा गया ज्ञापन : महाबोधि मंदिर के प्रबंधन को लेकर बौद्ध समाज की बड़ी मांग!

INDC Network : इटावा, उत्तर प्रदेश : इटावा में  सौंपा गया ज्ञापन : महाबोधि मंदिर के प्रबंधन को लेकर बौद्ध समाज की बड़ी मांग!

महाबोधि मंदिर के प्रबंधन को बौद्धों को सौंपने की मांग, बड़ा आंदोलन संभव


 बौद्ध समाज ने किया बड़ा विरोध, महाबोधि मंदिर प्रबंधन पर उठाए सवाल

इटावा, 25 फरवरी 2025युवा बौद्ध सोसाइटी ऑफ इंडिया (YBS) और चक्रवर्ती सम्राट अशोक सेवा समिति ने बिहार सरकार को ज्ञापन सौंपकर महाबोधि महाविहार (महाबोधि मंदिर) का प्रबंधन पूर्ण रूप से बौद्ध समुदाय को सौंपने की मांग की है। संगठन का कहना है कि यह स्थल न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया के बौद्ध अनुयायियों के लिए अत्यंत पवित्र है, और इस पर बौद्धों का पूर्ण प्रशासनिक अधिकार होना चाहिए।

वर्तमान में B.T. Act 1949 के तहत इस मंदिर का प्रबंधन अन्य प्रशासनिक संस्थाओं के हाथ में है, जिसे संविधान के धर्मनिरपेक्षता सिद्धांत के खिलाफ बताया जा रहा है। बौद्ध संगठनों ने इस अधिनियम की धारा 226 का हवाला देते हुए इसे असंवैधानिक करार दिया है और सरकार से तुरंत इस कानून में संशोधन करने की मांग की है।


 बौद्ध धर्म स्थलों पर गैर-बौद्धों का नियंत्रण क्यों?

समिति का कहना है कि भारत का संविधान सभी धर्मों को समान अधिकार देता है, लेकिन महाबोधि मंदिर के प्रबंधन में बौद्धों को उचित स्थान नहीं दिया गया। संगठन ने तर्क दिया कि जैसे हिंदू मंदिरों का नियंत्रण हिंदू समाज के पास होता है और मस्जिदों का मुस्लिम समुदाय के पास, उसी तरह महाबोधि मंदिर का नियंत्रण केवल बौद्धों को दिया जाना चाहिए

समिति ने इस मुद्दे को धर्म और आस्था की स्वतंत्रता से जोड़ते हुए भारत सरकार से जल्द निर्णय लेने की अपील की है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार इस पर ध्यान नहीं देती है तो बौद्ध समुदाय को बड़ा आंदोलन करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा


बड़े आंदोलन की चेतावनी, राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को भी भेजी गई प्रतिलिपि

इस ज्ञापन की प्रतिलिपि प्रधानमंत्री कार्यालय, राष्ट्रपति भवन, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, और अन्य संबंधित अधिकारियों को भी भेजी गई है। संगठन ने कहा कि यदि इस मांग को नजरअंदाज किया गया तो देशभर में बौद्ध समुदाय इस मुद्दे को लेकर बड़ा आंदोलन करेगा

ज्ञापन सौंपने के दौरान अभिलाख शाक्य, विवेक शाक्य, सोनू कुशवाहा, विक्रम बौद्ध, बदन सिंह बौद्ध, धर्मवीर शाक्य, ललित शाक्य, बालक राम शाक्य, जितेंद्र शाक्य प्रधान जी, रामकुमार शाक्य, राजेंद्र शाक्य, भारत सिंह शाक्य, किशनलाल शाक्य, अविनाश कुशवाहा, सभासद चंदन वर्मा, अरुण अमन प्रताप, महेंद्र प्रताप, अखिलेश बौद्ध, प्रमोद यादव, मनोज दोहरी, विपिन धनगर, संजय कठेरिया समेत तमाम लोग मौजूद रहे।


सरकार को अल्टीमेटम: जल्द निर्णय नहीं तो होगा बड़ा आंदोलन

संगठन ने चेतावनी दी कि यदि सरकार इस मुद्दे पर कोई ठोस कदम नहीं उठाती है, तो बौद्ध समाज देशव्यापी आंदोलन करने के लिए मजबूर होगा। संगठन ने महाबोधि मंदिर को बौद्धों के नियंत्रण में देने की मांग को पूरी तरह से संवैधानिक बताया और कहा कि B.T. Act 1949 में आवश्यक संशोधन किया जाए

बौद्ध संगठनों ने सरकार से आग्रह किया है कि वह बौद्ध समाज की आस्था और संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करे और महाबोधि मंदिर को जल्द से जल्द बौद्ध अनुयायियों के नियंत्रण में सौंपे।

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Arpit Shakya Hello! My Name is Arpit Shakya from Farrukhabad (Uttar Pradesh), India. I am 18 years old. I have been working for INDC Network news company for the last 3 years. I am the founder and editor in chief of this company.