पहलगाम की शांति में गोलियों की गूंज, पर्यटकों पर कहर बनकर टूटे आतंकी
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल पहलगाम की बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले ने देश को दहला दिया। छद्मवेश में आए आतंकियों ने घुमने आए पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलियां बरसाईं, जिससे कम से कम 5 लोगों की जान गई और 8 अन्य घायल हो गए। हमले में जयपुर के एक दंपति भी गंभीर रूप से घायल हुए हैं। सुरक्षा बलों ने इलाके को घेर लिया है और तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। इस घटना ने जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

INDC Network : जम्मू-कश्मीर : भारत : हमले का विवरण
22 अप्रैल की दोपहर को बैसरन घाटी के ऊपरी घास के मैदान में पर्यटक प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले रहे थे। तभी छद्मवेश में आए आतंकियों ने अचानक अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी। घटना के बाद चारों ओर अफरा-तफरी मच गई।

पीड़ितों की जानकारी
इस हमले में सबसे ज्यादा प्रभावित पर्यटक बने। घायलों में जयपुर, राजस्थान के एक दंपति शामिल हैं जो अपने परिवार के साथ 50 लोगों के टूर ग्रुप में शामिल थे।
नाम | उम्र | स्थान | स्थिति |
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तबरेज खान | 38 | जयपुर | गंभीर स्थिति में अस्पताल में भर्ती |
फरहा खान | 35 | जयपुर | कंधे में गोली, स्थिर हालत |
अन्य पर्यटक | — | विभिन्न राज्य | 3 की हालत गंभीर |
सुरक्षा बलों की प्रतिक्रिया
घटना के तुरंत बाद सुरक्षा बलों ने इलाके की घेराबंदी कर दी। सेना और स्थानीय पुलिस ने घटनास्थल पर मोर्चा संभाला और तलाशी अभियान तेज कर दिया गया। घायलों को तुरंत एयरलिफ्ट कर अस्पताल पहुंचाया गया और उन्हें प्राथमिक उपचार दिया जा रहा है।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
हमले के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई। कई नेताओं ने इस कायराना हरकत की कड़ी निंदा की।
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उमर अब्दुल्ला (पूर्व मुख्यमंत्री): "यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिन इलाकों से आतंकवाद को खत्म किया गया था, वहां फिर से इसकी वापसी हो रही है।"
पृष्ठभूमि: आतंकवाद की वापसी?
2019 में अनुच्छेद 370 हटाने के बाद जम्मू-कश्मीर में आतंकी घटनाओं में कुछ कमी आई थी, लेकिन हाल ही के महीनों में टारगेटेड किलिंग्स और पर्यटकों पर हमले बढ़े हैं। प्रवासी मजदूर, कश्मीरी पंडित और अब पर्यटक, आतंकियों के मुख्य निशाने बनते जा रहे हैं।
राष्ट्रीय सुरक्षा पर गंभीर सवाल
यह हमला न केवल निर्दोष जानों की क्षति है, बल्कि यह भारत की आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़ा करता है। सरकार और सुरक्षा एजेंसियों को अब रणनीतिक रूप से मजबूत कदम उठाने होंगे ताकि ऐसे हमलों को भविष्य में रोका जा सके
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