बैंकिंग सिस्टम पर सवाल : छिपे चार्जेज और फीस से कैसे लुट रहा आम आदमी?

राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने संसद में बैंकों द्वारा वसूले जा रहे छिपे चार्जेज और फीस को लेकर कड़ा हमला बोला। उन्होंने बताया कि आम जनता को पता भी नहीं चलता और उनके खातों से हजारों करोड़ रुपये काट लिए जाते हैं। न्यूनतम बैलेंस, एटीएम ट्रांजैक्शन, निष्क्रियता शुल्क, बैंक स्टेटमेंट, एसएमएस अलर्ट, लोन प्रोसेसिंग और नामांकन बदलने जैसी सेवाओं पर भारी शुल्क वसूला जा रहा है। उन्होंने सरकार से इन मुद्दों पर ध्यान देने की अपील की।

Mar 30, 2025 - 11:53
May 15, 2025 - 18:38
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बैंकिंग सिस्टम पर सवाल : छिपे चार्जेज और फीस से कैसे लुट रहा आम आदमी?

INDC Network : नई दिल्ली, भारत : बैंकों के छिपे चार्जेज पर संसद में गरजे राघव चड्ढा

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आम आदमी पार्टी (AAP) के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने संसद में बैंकों की मनमानी और ग्राहकों से वसूले जाने वाले छिपे चार्जेज का मुद्दा जोरदार तरीके से उठाया। उन्होंने कहा कि बैंकों द्वारा ग्राहकों से बिना उनकी जानकारी के कई तरह के शुल्क लिए जा रहे हैं, जिससे आम जनता की जेब पर भारी असर पड़ रहा है।

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चड्ढा ने कहा, "बैंक ग्राहकों से चोरी कर रहे हैं और उन्हें इसका अंदाजा तक नहीं होता कि उनके खाते से कितना पैसा कट रहा है।"


न्यूनतम बैलेंस से लेकर एटीएम चार्ज तक – कैसे कटते हैं हजारों करोड़?

राघव चड्ढा ने बैंकों द्वारा वसूले जाने वाले कुछ प्रमुख शुल्कों को गिनाते हुए बताया कि ये कैसे ग्राहकों पर अतिरिक्त बोझ डालते हैं:

  1. न्यूनतम बैलेंस पेनल्टी – यदि कोई ग्राहक अपने खाते में न्यूनतम बैलेंस नहीं रखता, तो बैंक ₹100 से ₹600 तक शुल्क काट लेता है। इस तरह, वित्तीय वर्ष 2022-23 में बैंकों ने ₹3,500 करोड़ की कमाई कर ली।

  2. अतिरिक्त एटीएम ट्रांजैक्शन शुल्क – बैंकों द्वारा प्रति माह केवल 2-3 मुफ्त एटीएम लेन-देन की अनुमति दी जाती है। इसके बाद हर अतिरिक्त ट्रांजैक्शन पर ₹20 का शुल्क लगता है।

  3. निष्क्रियता शुल्क – यदि कोई ग्राहक लंबे समय तक अपना खाता सक्रिय नहीं रखता, तो बैंक हर साल ₹100-₹200 तक का शुल्क ले लेता है।

  4. बैंक स्टेटमेंट शुल्क – एक साधारण बैंक स्टेटमेंट निकालने पर भी बैंक ₹50-₹100 तक शुल्क लेता है।

  5. एसएमएस अलर्ट शुल्क – खाते में जमा और निकासी की सूचना पाने के लिए ग्राहक को ₹20-₹25 प्रति तिमाही चुकाने होते हैं।

  6. ऑनलाइन NEFT शुल्क – ऑनलाइन भुगतान करने पर भी बैंक चार्ज वसूलते हैं।

  7. लोन प्रोसेसिंग और प्रीक्लोजर शुल्क – लोन लेने पर बैंक 1-3% प्रोसेसिंग शुल्क वसूलता है, और अगर ग्राहक लोन समय से पहले चुका देता है तो उस पर भी अतिरिक्त शुल्क लगाया जाता है।

  8. हस्ताक्षर और नामांकित व्यक्ति बदलने का शुल्क – अगर कोई ग्राहक अपने हस्ताक्षर या नामांकन में बदलाव करना चाहे तो बैंक ₹200 तक शुल्क काट लेता है।

  9. डिमांड ड्राफ्ट और पे ऑर्डर शुल्क – ₹100-₹200 प्रति डिमांड ड्राफ्ट का शुल्क लिया जाता है।


बैंकों में घटता भरोसा: धोखाधड़ी, ऊंची ब्याज दरें और घटती बचत पर चिंता

राघव चड्ढा ने भारत की बैंकिंग प्रणाली पर जनता के घटते भरोसे पर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि देश में बैंकिंग धोखाधड़ी बढ़ रही है, ऋण पर उच्च ब्याज दरें वसूली जा रही हैं, और बचत खातों पर ब्याज दरों में गिरावट से लोग बैंकिंग सिस्टम से दूर हो रहे हैं।

उन्होंने सरकार से मांग की कि बैंकों द्वारा वसूले जा रहे इन छिपे चार्जेज पर अंकुश लगाया जाए और आम जनता को राहत दी जाए।




बैंकिंग कानून संशोधन विधेयक 2024 पर भी उठाए सवाल

राघव चड्ढा ने बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 को भी आड़े हाथों लिया। यह विधेयक बैंक खाता धारकों को चार नामांकित व्यक्तियों को जोड़ने की अनुमति देता है। हालांकि, चड्ढा ने इसे मात्र एक प्रक्रियात्मक सुधार करार दिया और कहा कि यह आम नागरिकों की असली समस्याओं को दूर करने में विफल रहेगा।

राज्यसभा में यह विधेयक ध्वनि मत से पारित हुआ, जबकि लोकसभा इसे पहले ही दिसंबर 2024 में पारित कर चुकी थी।


बैंकिंग प्रणाली को पारदर्शी बनाने की जरूरत

राघव चड्ढा का कहना है कि बैंक केवल वित्तीय संस्थान नहीं हैं, बल्कि लोकतंत्र के स्तंभ भी हैं। उन्हें पारदर्शिता और ग्राहक हितों की रक्षा करनी चाहिए। उन्होंने मांग की कि वित्त मंत्री इस मुद्दे को गंभीरता से लें और जनता को इन अनावश्यक शुल्कों से राहत दिलाएं।

बैंकों द्वारा लगाए जाने वाले छिपे शुल्कों पर सरकार क्या कदम उठाती है, यह देखने वाली बात होगी।

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Arpit Shakya नमस्कार! मैं अर्पित शाक्य, INDC Network का मुख्य संपादक हूँ। मेरा उद्देश्य सूचनाओं को जिम्मेदारी और निष्पक्षता के साथ आप तक पहुँचाना है। INDC Network पर मैं स्थानीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खबरों को आपकी भाषा में सरल, तथ्यपरक और विश्वसनीय रूप में प्रस्तुत करता/करती हूँ। पत्रकारिता के क्षेत्र में मेरा विश्वास है कि हर खबर का सच सामने आना चाहिए, और यही सोच मुझे जनहित से जुड़ी खबरों की तह तक जाने के लिए प्रेरित करती है। चाहे वह गाँव की आवाज़ हो या देश की बड़ी हलचल – मेरा प्रयास रहता है कि आपके सवालों को मंच मिले और जवाब मिलें। मैंने INDC Network को एक ऐसे डिजिटल मंच के रूप में तैयार किया है, जहाँ लोकल मुद्दों से लेकर ग्लोबल घटनाओं तक हर आवाज़ को जगह मिलती है। यहाँ मेरी प्रोफ़ाइल के माध्यम से आप मेरे द्वारा लिखे गए समाचार, लेख, इंटरव्यू और रिपोर्ट्स पढ़ सकते हैं।