माता सावित्रीबाई फुले जयंती : तथागत संभ्रांत नागरिक सामाजिक संगठन ने पुस्कालय का उद्घाटन किया
3 जनवरी 2025 को फर्रुखाबाद में माता सावित्रीबाई फुले की जयंती का आयोजन किया गया। इस अवसर पर संभ्रांत नागरिकों और सामाजिक संगठनों ने माता सावित्रीबाई फुले के शिक्षा में योगदान को याद किया। कार्यक्रम में प्रमुख वक्ताओं ने उनके जीवन और संघर्ष पर प्रकाश डाला। साथ ही, एक पुस्तकालय का उद्घाटन हुआ, जिसमें 700 से अधिक किताबें उपलब्ध कराई गईं।

INDC Netwrok : फर्रुखाबाद, उत्तर प्रदेश : 3 जनवरी 2025 को फर्रुखाबाद में माता सावित्रीबाई फुले की जयंती का आयोजन किया गया। इस अवसर पर संभ्रांत नागरिकों और सामाजिक संगठनों ने माता सावित्रीबाई फुले के शिक्षा में योगदान को याद किया। कार्यक्रम में प्रमुख वक्ताओं ने उनके जीवन और संघर्ष पर प्रकाश डाला। साथ ही, एक पुस्तकालय का उद्घाटन हुआ, जिसमें 700 से अधिक किताबें उपलब्ध कराई गईं।
कार्यक्रम का आयोजन
फर्रुखाबाद में 3 जनवरी 2025 को माता सावित्रीबाई फुले की जयंती धूमधाम से मनाई गई। इस कार्यक्रम का आयोजन संभ्रांत नागरिक और सामाजिक संगठनों ने किया। माता सावित्रीबाई फुले के चित्र और तथागत बुद्ध की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई।
(कार्यक्रम के दौरान उपस्थित लोग)
माता सावित्रीबाई फुले का योगदान
माता सावित्रीबाई फुले ने महिला शिक्षा की क्रांति की शुरुआत की थी। उस समय लड़कियों को शिक्षा का अधिकार नहीं था। उन्होंने समाज की रूढ़िवादिता का विरोध करते हुए लड़कियों के लिए पहला स्कूल खोला। कार्यक्रम में वक्ताओं ने उनके संघर्ष को याद करते हुए बताया कि जब वे स्कूल जाती थीं, तो उनके ऊपर कीचड़ उछाला जाता था। इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और अपनी यात्रा जारी रखी।
डॉ. रामकृष्ण राजपूत का योगदान
इस कार्यक्रम में लेखक डॉ. रामकृष्ण राजपूत ने भी हिस्सा लिया। उन्होंने बुद्ध धर्म से जुड़ी कई किताबें लिखी हैं और उनके पास बुद्ध से जुड़े प्राचीन अवशेष भी हैं। उन्होंने शिक्षा और समाज में जागरूकता लाने के लिए अपने विचार साझा किए।
पुस्तकालय का उद्घाटन
कार्यक्रम के दौरान एक पुस्तकालय का उद्घाटन किया गया। पुस्तकालय में 700 से अधिक किताबें उपलब्ध कराई गई हैं। पुस्तकालय के लिए प्रमुख योगदानकर्ताओं में डॉ. नवल किशोर शाक्य ने 10,000 रुपये का दान दिया।
घटना | विवरण |
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जयंती का अवसर | माता सावित्रीबाई फुले की जयंती |
स्थान | फर्रुखाबाद |
प्रमुख वक्ता | डॉ. नवल किशोर शाक्य |
पुस्तकालय का योगदान | डॉ. नवल किशोर शाक्य द्वारा 10,000 रुपये |
किताबों की संख्या | 700+ |
(फर्रुखाबाद लोकसभा से समाजवादी पार्टी के पूर्व प्रत्याशी डॉ. नवल किशोर शाक्य और संगठन अध्यक्ष शिवकुमार शाक्य)
मुख्य वक्ताओं के विचार
डॉ. नवल किशोर शाक्य
डॉ. नवल किशोर शाक्य, जो समाजवादी पार्टी के पूर्व लोकसभा प्रत्याशी रहे हैं, ने माता सावित्रीबाई के संघर्षों और अपने व्यक्तिगत अनुभव साझा किए। उन्होंने कहा, "जैसे माता सावित्रीबाई ने संघर्ष किया, वैसे ही मैं भी सामाजिक बदलाव के लिए प्रयास करता रहूंगा।"
- INDC नेटवर्क के मुख्य संवाददाता अर्पित शाक्य ने माता सावित्रीबाई फुले के विचारों को वर्तमान समय के शिक्षा क्षेत्र में लागू करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि शिक्षा हर वर्ग और हर व्यक्ति का अधिकार है।
उपस्थित गणमान्य व्यक्ति
कार्यक्रम में कई प्रमुख व्यक्तित्व उपस्थित थे। इनमें शामिल थे:
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डॉ. नवल किशोर शाक्य (मुख्य वक्ता)
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डॉ. रामकृष्ण राजपूत (लेखक)
- शिवकुमार शाक्य (संगठन अध्यक्ष)
महेश चंद्र शाक्य, सुबोध शाक्य पूर्व प्रधान, चंद्रभान सिंह, जवाहरलाल शाक्य, गिरीश चंद्र शाक्य, अवधेश सिंह शाक्य, लालाराम शाक्य, राम रतन शाक्य, रामदास शाक्य, चंद्रपाल शाक्य, बलवीर सिंह ,महावीर सिंह, राम महेश, राधेश्याम शाक्य, शिवकुमार शाक्य, शिवशरण शाक्य, सुरेश चंद्र शाक्य, भंते धर्म बोधी, हेमंत कुमार शाक्य, भावना शाक्य, संजीव शाक्य, सर्वेश शाक्य, कालीचरण शाक्य, धर्मपाल सिंह बौद्ध, वेदराम शाक्य, जगतपाल शाक्य, देवेंद्र शाक्य, रविंद्र शाक्य, मनीष चंद्र शाक्य, सूरज, राम किशोर शाक्य, विजय सिंह शाक्य, बेचेलाल बेचैन, अनंगभान शाक्य, उदय सिंह शाक्य, धर्मेंद्र कुमार, अर्पित शाक्य, रिक कुशवाहा, बृजेश कुमार, महेंद्र शाक्य, मीरावती, राकेश कुमार, डॉक्टर नवल किशोर शाक्य, आत्माराम शाक्य, कुलदीप शाक्य आदि लोग मौजूद रहे
महत्वपूर्ण बिंदु
- माता सावित्रीबाई फुले का योगदान महिला शिक्षा में क्रांति का प्रतीक है।
- फर्रुखाबाद में 3 जनवरी को उनके विचारों और योगदान को सम्मानित किया गया।
- कार्यक्रम में शिक्षा और सामाजिक बदलाव पर विचार-विमर्श हुआ।
- पुस्तकालय के उद्घाटन ने शिक्षा को और बढ़ावा दिया।
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