वर्ष का सबसे छोटा और बड़ा दिन होने के पीछे क्या कारण है ?

वर्ष का सबसे छोटा और बड़ा दिन शीतकालीन अयनांत (Winter Solstice) और ग्रीष्मकालीन अयनांत (Summer Solstice) के रूप में जाने जाते हैं। उत्तरी गोलार्ध में सबसे छोटा दिन 21 या 22 दिसंबर को होता है, जब पृथ्वी की धुरी सूर्य से सबसे अधिक दूर होती है और दिन की अवधि सबसे कम होती है। सबसे बड़ा दिन 20 या 21 जून को होता है, जब पृथ्वी की धुरी सूर्य के सबसे नजदीक होती है और दिन की अवधि सबसे लंबी होती है। ये खगोलीय घटनाएं कृषि, मौसम और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं।

Jun 20, 2024 - 19:19
Sep 28, 2024 - 21:30
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वर्ष का सबसे छोटा और बड़ा दिन होने के पीछे क्या कारण है ?

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वर्ष का सबसे छोटा और बड़ा दिन कब और क्यों होता है?

परिचय

वर्ष का सबसे छोटा और बड़ा दिन खगोलीय घटनाओं पर आधारित होते हैं। ये दिन क्रमशः शीतकालीन अयनांत (Winter Solstice) और ग्रीष्मकालीन अयनांत (Summer Solstice) के रूप में जाने जाते हैं। इन घटनाओं का कारण पृथ्वी की धुरी का झुकाव और इसकी सूर्य के चारों ओर की परिक्रमा है।

सबसे छोटा दिन: शीतकालीन अयनांत (Winter Solstice)

तारीख: उत्तरी गोलार्ध में सबसे छोटा दिन 21 या 22 दिसंबर को होता है।

कारण:

  1. पृथ्वी की धुरी का झुकाव: पृथ्वी की धुरी अपने कक्षीय तल पर लगभग 23.5 डिग्री झुकी हुई है। शीतकालीन अयनांत के समय, उत्तरी गोलार्ध सूर्य से सबसे अधिक दूर होता है और सूर्य की किरणें मकर रेखा (Tropic of Capricorn) पर सीधी पड़ती हैं।

  2. दिन और रात की अवधि: इस समय उत्तरी गोलार्ध में दिन की अवधि सबसे कम होती है और रात की अवधि सबसे लंबी होती है। इसके विपरीत, दक्षिणी गोलार्ध में यह दिन सबसे बड़ा और रात सबसे छोटी होती है।

सबसे बड़ा दिन: ग्रीष्मकालीन अयनांत (Summer Solstice)

तारीख: उत्तरी गोलार्ध में सबसे बड़ा दिन 20 या 21 जून को होता है।

कारण:

  1. पृथ्वी की धुरी का झुकाव: ग्रीष्मकालीन अयनांत के समय, उत्तरी गोलार्ध सूर्य के सबसे नजदीक होता है और सूर्य की किरणें कर्क रेखा (Tropic of Cancer) पर सीधी पड़ती हैं।

  2. दिन और रात की अवधि: इस समय उत्तरी गोलार्ध में दिन की अवधि सबसे लंबी होती है और रात की अवधि सबसे छोटी होती है। इसके विपरीत, दक्षिणी गोलार्ध में यह दिन सबसे छोटा और रात सबसे लंबी होती है।

खगोलीय घटनाओं का महत्व

  1. कृषि और मौसम: शीतकालीन और ग्रीष्मकालीन अयनांत का कृषि और मौसम पर महत्वपूर्ण प्रभाव होता है। किसान इन घटनाओं के आधार पर बुआई और कटाई की योजना बनाते हैं।

  2. सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व: इन खगोलीय घटनाओं का कई संस्कृतियों और धर्मों में विशेष महत्व होता है। उदाहरण के लिए, भारत में मकर संक्रांति शीतकालीन अयनांत के आसपास मनाई जाती है, जो सूर्य के मकर रेखा में प्रवेश का प्रतीक है।

निष्कर्ष

वर्ष का सबसे छोटा और बड़ा दिन पृथ्वी की धुरी के झुकाव और सूर्य के चारों ओर उसकी परिक्रमा के कारण होते हैं। ये घटनाएँ न केवल खगोलीय दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि इनका कृषि, मौसम और सांस्कृतिक महत्व भी होता है। शीतकालीन अयनांत पर उत्तरी गोलार्ध में सबसे छोटा दिन और ग्रीष्मकालीन अयनांत पर सबसे बड़ा दिन होता है।

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