उत्तर प्रदेश में उपचुनाव की तैयारियों में जुटी बीजेपी, क्या सीएम योगी की कुर्सी को खतरा है?
लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद उत्तर प्रदेश की राजनीति में उथल-पुथल मची हुई है। भाजपा ने अब उपचुनावों पर ध्यान केंद्रित किया है, जिसमें 10 विधानसभा सीटें शामिल हैं। सीएम योगी ने आगामी उपचुनावों को लेकर मंत्रियों के साथ एक अहम बैठक की, जिसमें साफ छवि वाले और जिताऊ प्रत्याशी चुनने के निर्देश दिए गए। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने जेपी नड्डा से मुलाकात कर संगठन और सरकार के बीच तालमेल की आवश्यकता पर चर्चा की।

INDC Network : उत्तरप्रदेश : लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद उत्तर प्रदेश की राजनीति में उथल-पुथल मची हुई है। लोकसभा चुनावों में उम्मीद के मुताबिक जीत हासिल न कर पाने से बीजेपी नेता अभी तक हैरान हैं और इसकी गहराई से जांच कर रहे हैं। वहीं, अब भारतीय जनता पार्टी का ध्यान उत्तर प्रदेश में होने वाले उपचुनावों पर है। यूपी की 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं, जो साल 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले काफी महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं।
बुधवार को सीएम योगी ने आगामी विधानसभा उपचुनाव को लेकर एक अहम बैठक की। इस बैठक में सीएम ने मंत्रियों से चुनाव की तैयारियों के संबंध में फीडबैक लिया। सीएम योगी ने प्रभारी मंत्रियों के साथ बैठक में उपचुनाव के लिए साफ और जिताऊ प्रत्याशी के चयन को लेकर निर्देश दिए। जानकारी के मुताबिक, बैठक में सीएम योगी ने कहा कि ईमानदार और जिताऊ कैंडिडेट पर ही दांव लगाया जाएगा और उनकी साफ छवि और जनता से जुड़ाव प्राथमिकता होगा। इसके साथ ही पार्टी के संगठन को मजबूत करने, बूथ की कमेटियों पर काम करने और स्थानीय कार्यकर्ताओं के साथ बेहतर समन्वय के लिए भी निर्देश दिए गए हैं। सभी मंत्रियों को अपने-अपने क्षेत्रों में जाकर स्थानीय मुद्दों और कैंडिडेट की असेसमेंट के लिए फीडबैक लेने को कहा गया है।

सभी सीटें जीतने का दावा
यूपी सरकार के मंत्री संजय निषाद ने बैठक के बारे में बताया कि, "उपचुनाव को लेकर सरकार के मंत्रियों की बैठक थी। इसमें संगठन के पदाधिकारी नहीं थे, सिर्फ उपचुनाव पर चर्चा हुई। सरकार की बैठक जब होती है तो मुख्यमंत्री के आवास पर सभी पहुंचते हैं। इस बार उपचुनाव एजेंडा था। मुख्यमंत्री ने फीडबैक लिया और हम जीतने के लक्ष्य के साथ इस चुनाव में उतरेंगे।"
वहीं, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के बयान पर संजय निषाद ने कहा कि, "कार्यकर्ता ही सब कुछ है और उसी के लिए पार्टी पूरी जान लगाती है। उपचुनाव में हम कोई कमी नहीं छोड़ेंगे। चुनाव में कार्यकर्ता की ताकत पर लड़ेंगे। कोई अनदेखी नहीं होगी और अधिकारियों से भी सतर्क रहना है जो अंदर से साइकिल और हाथी पर सवार थे, कमल का चादर ओढ़ चुनाव करवा रहे थे। जिस तरह से हम रामपुर आजमगढ़ का उपचुनाव जीते, वैसे ही इन 10 सीटों पर भी चुनाव जीतने जा रहे हैं।"
उत्तर प्रदेश का सियासी माहौल इन दिनों गर्म है। लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों के बाद सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के भीतर घमासान मचा हुआ है। दरअसल, संगठन और सरकार के बीच तकरार की खबरें हैं। दूसरी ओर यह भी चर्चा है कि सीएम योगी आदित्यनाथ की कुर्सी खतरे में है और भाजपा किसी और को मुख्यमंत्री बना सकती है। लेकिन सूत्रों के हवाले से पता चला है कि यूपी में सीएम को लेकर कोई मंथन नहीं हो रहा है।
यूपी भाजपा में घमासान के बीच केशव मौर्य ने की जेपी नड्डा से मुलाकात
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने मंगलवार को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की। रविवार को प्रदेश की विस्तारित कार्यकारिणी की बैठक में उपमुख्यमंत्री मौर्य ने "संगठन हमेशा सरकार से बड़ा होता है" कहकर सियासी गलियारों में हलचल पैदा कर दी थी। मौर्य के इस बयान के बाद चर्चा तेज हो गई कि उनके और सीएम योगी आदित्यनाथ के बीच सब सही नहीं है। इसके बाद डिप्टी सीएम मौर्य दिल्ली तलब किए गए और उनकी जेपी नड्डा से मुलाकात हुई।
जेपी नड्डा का संदेश
खबर है कि पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने यह कहा कि किसी भी सूरत में सरकार और संगठन के तालमेल को लेकर ऐसी बयानबाजी ना की जाए जिससे पार्टी हित का नुकसान हो। पार्टी चाहती है कि इस पर लगाम लगे और सरकार-संगठन के बीच एकता का संदेश दिया जाए।
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