2027 चुनाव में अखिलेश बनेंगे यूपी के निर्विवाद नेता? धर्मेंद्र यादव के बयान ने बढ़ाई हलचल!

आजमगढ़ से सांसद और समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव के भाई धर्मेंद्र यादव ने 22 फरवरी को बदायूं में एक बयान देकर उत्तर प्रदेश की राजनीति में हलचल मचा दी। उन्होंने कहा कि 2027 विधानसभा चुनाव अखिलेश यादव के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा, और कांग्रेस इसमें सहयोगी बनी रहेगी। यह बयान गठबंधन की मजबूती या संभावित दरारों को लेकर नई चर्चाओं को जन्म दे रहा है। बीजेपी के लिए भी यह बयान एक चुनौती साबित हो सकता है, क्योंकि 2024 लोकसभा चुनाव में सपा-कांग्रेस गठबंधन ने बीजेपी को कड़ी टक्कर दी थी।

Feb 23, 2025 - 10:30
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2027 चुनाव में अखिलेश बनेंगे यूपी के निर्विवाद नेता? धर्मेंद्र यादव के बयान ने बढ़ाई हलचल!

INDC Network : फर्रुखाबाद, उत्तर प्रदेश : आजमगढ़ से सांसद और समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव के भाई धर्मेंद्र यादव ने 22 फरवरी को बदायूं में एक बयान देकर उत्तर प्रदेश की राजनीति में हलचल मचा दी। उन्होंने कहा कि 2027 विधानसभा चुनाव अखिलेश यादव के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा, और कांग्रेस इसमें सहयोगी बनी रहेगी। यह बयान गठबंधन की मजबूती या संभावित दरारों को लेकर नई चर्चाओं को जन्म दे रहा है। बीजेपी के लिए भी यह बयान एक चुनौती साबित हो सकता है, क्योंकि 2024 लोकसभा चुनाव में सपा-कांग्रेस गठबंधन ने बीजेपी को कड़ी टक्कर दी थी।


धर्मेंद्र यादव का बयान: 2027 में अखिलेश ही होंगे यूपी के नेता

22 फरवरी को बदायूं में एक जनसभा में धर्मेंद्र यादव ने कहा, "2027 का चुनाव केंद्र का नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश का चुनाव है, और इसका नेतृत्व सिर्फ अखिलेश यादव ही करेंगे।" यह बयान सपा कार्यकर्ताओं के लिए जोश भरने वाला था, लेकिन इसके साथ ही कांग्रेस के लिए एक स्पष्ट संदेश भी था कि गठबंधन का नेतृत्व सपा के हाथ में रहेगा।


सपा-कांग्रेस गठबंधन: मजबूरी या रणनीति?

धर्मेंद्र यादव के बयान ने यह साफ कर दिया कि सपा कांग्रेस के साथ गठबंधन जारी रखना चाहती है, लेकिन यह भी संकेत दिया कि यूपी में नेतृत्व अखिलेश के ही पास रहेगा। हालांकि, हाल के उपचुनावों में कांग्रेस ने ज्यादा सीटों की मांग कर यह दिखाने की कोशिश की थी कि वह खुद को कमजोर नहीं मानती।

पार्टी 2024 लोकसभा सीटें 2022 विधानसभा सीटें
समाजवादी पार्टी 37 111
कांग्रेस 6 2
बीजेपी 33 255

2022 में कांग्रेस सिर्फ 2 सीटें ही जीत सकी थी, जिससे यह साफ हो जाता है कि उत्तर प्रदेश में उसे मजबूती के लिए सपा की जरूरत है।


बीजेपी के लिए खतरे की घंटी?

2024 के लोकसभा चुनाव में यूपी में बीजेपी को भारी नुकसान झेलना पड़ा था। 2019 में 62 सीटें जीतने वाली बीजेपी को 2024 में सिर्फ 33 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा। सपा-कांग्रेस गठबंधन ने यूपी में पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) फॉर्मूले को सफलतापूर्वक लागू कर बीजेपी के वोट बैंक में सेंध लगाई।

हालांकि, बीजेपी ने हाल के उपचुनावों में 10 में से 8 सीटें जीतकर अपनी ताकत दिखाई। अब सवाल यह है कि क्या बीजेपी 2027 के लिए कोई नई रणनीति अपनाएगी?


क्या कांग्रेस अखिलेश का नेतृत्व मानेगी?

धर्मेंद्र यादव के बयान से यह भी सवाल खड़ा हो गया है कि क्या कांग्रेस 2027 तक अखिलेश यादव को यूपी का निर्विवाद नेता मानने के लिए तैयार होगी? कांग्रेस का इतिहास बताता है कि वह अक्सर गठबंधन में बड़ा रोल चाहती है, और यूपी में 2027 तक उसकी क्या रणनीति होगी, यह देखने वाली बात होगी।


क्या 2027 में अखिलेश सत्ता में वापसी करेंगे?

2027 का चुनाव अभी दो साल दूर है, लेकिन सपा ने अभी से अपनी मंशा साफ कर दी है। धर्मेंद्र यादव के बयान से यह स्पष्ट हो गया कि अखिलेश यादव 2027 में यूपी की सत्ता के लिए पूरी ताकत झोंकेंगे। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस इस गठबंधन में कितनी मजबूती से टिकी रहती है और बीजेपी इसके जवाब में क्या रणनीति बनाती है।

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Arpit Shakya Hello! My Name is Arpit Shakya from Farrukhabad (Uttar Pradesh), India. I am 18 years old. I have been working for INDC Network news company for the last 3 years. I am the founder and editor in chief of this company.