बुलडोज़र से उजड़ा आशियाना: प्रशासनिक निर्णय या सत्ता का दुरुपयोग?
ग्राम मुंडरीखेड़ा, तहसील कलान (जनपद शाहजहांपुर) में सरकारी भूमि विवाद का मामला गरमाया हुआ है। प्रशासन ने गाटा संख्या 538 को ग्राम सभा की ज़मीन बताते हुए इसे सार्वजनिक उपयोग के लिए चिन्हित किया, लेकिन एक परिवार का दावा है कि यह ज़मीन उनकी निजी संपत्ति थी। बिना किसी पूर्व सूचना के, प्रशासन ने बुलडोज़र चलाकर घर गिरा दिया, जिससे परिवार बेघर हो गया। क्या यह न्यायिक फैसला सही था या इसमें कोई राजनीतिक साजिश छिपी थी? आइए जानते हैं पूरी कहानी!

INDC Network : शाहजहांपुर, उत्तर प्रदेश – ग्राम मुंडरीखेड़ा, तहसील कलान में एक बड़े भू-विवाद ने तूल पकड़ लिया है। प्रशासन ने गाटा संख्या 538 को ग्राम सभा की ज़मीन घोषित करते हुए इस पर बुलडोज़र चला दिया, जिससे एक परिवार बेघर हो गया। पीड़ित परिवार का आरोप है कि बिना किसी नोटिस के उनका घर तोड़ दिया गया और यह पूरी कार्रवाई ग्राम प्रधान की रंजिश का नतीजा है।
मामले का पूरा विवरण
मामला | विवरण |
---|---|
वाद संख्या | 3784/2024 |
स्थान | ग्राम मुंडरीखेड़ा, तहसील कलान, जिला शाहजहांपुर |
भूमि विवरण | गाटा संख्या 538 (0.5670 हेक्टेयर) |
वादकर्ता | प्रेमपाल आदि बनाम विलोदेवी देवी आदि |
विवाद का कारण | प्रशासन के अनुसार, भूमि ग्राम सभा की थी और सार्वजनिक उपयोग के लिए चिन्हित थी। लेकिन कुछ व्यक्तियों का दावा था कि यह उनकी निजी संपत्ति है। |
प्रशासनिक निर्णय | भूमि ग्राम सभा की घोषित की गई और याचिका खारिज कर दी गई। |
बिना नोटिस के तोड़ा गया मकान? पीड़ित परिवार का दर्द
महावीर प्रसाद पाल के अनुसार, उनका मकान गाटा संख्या 538 पर बना था, जो उनकी कृषि भूमि थी। लेकिन 4 फरवरी 2025 की शाम, ग्राम प्रधान भवानीचंद्र और उनके सहयोगियों ने बुलडोज़र लेकर आकर घर गिरा दिया।
???? 04:00 बजे: अचानक प्रशासनिक टीम के साथ ग्राम प्रधान बुलडोज़र लेकर पहुंचे।
???? 04:16 बजे: बिना किसी नोटिस या पूर्व सूचना के घर गिरा दिया गया।
???? 536/3 बताकर गिराया मकान: प्रशासन ने दावा किया कि मकान गाटा संख्या 536/3 पर बना था, लेकिन परिवार का कहना है कि मकान गाटा 538 में ही था।
???? सामान निकालने तक नहीं दिया समय: परिवार के सभी सामान को जब्त कर लिया गया और घर तोड़ दिया गया।
प्रशासन बनाम पीड़ित परिवार – कौन सही?
विषय | प्रशासन का पक्ष | पीड़ित परिवार का पक्ष |
---|---|---|
भूमि का प्रकार | ग्राम सभा की सार्वजनिक भूमि | निजी कृषि भूमि |
मकान निर्माण | अवैध कब्जा | कानूनी रूप से बनाया गया |
बुलडोज़र की कार्रवाई | सरकारी आदेश के अनुसार | बिना नोटिस के जबरन गिराया गया |
परिणाम | सरकारी ज़मीन मुक्त कराई गई | परिवार बेघर हो गया |
क्या यह प्रशासनिक निष्पक्षता थी या सत्ता का दुरुपयोग?
पीड़ित परिवार का कहना है कि ग्राम प्रधान से उनकी पुरानी रंजिश थी और इसी कारण उनका मकान निशाना बनाया गया। सवाल यह उठता है:
क्या बिना नोटिस के किसी का घर गिराया जा सकता है?
यदि ज़मीन ग्राम सभा की थी, तो पीड़ित को कानूनी सूचना क्यों नहीं दी गई?
क्या ग्राम प्रधान की राजनीतिक शक्ति का दुरुपयोग हुआ?
न्याय की मांग – मुख्यमंत्री से गुहार
महावीर प्रसाद पाल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से निवेदन किया है कि:
बुलडोज़र कार्रवाई की निष्पक्ष जांच कराई जाए।
बिना नोटिस घर गिराने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए।
परिवार को पुनः बसाने के लिए उचित सहायता दी जाए।
दिनांक: 14 फरवरी 2025
प्रार्थी: महावीर प्रसाद पाल, ग्राम मुंडरीखेड़ा, तहसील कलान, जिला शाहजहांपुर
क्या मिलेगा न्याय?
अब देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या रुख अपनाता है। क्या पीड़ित परिवार को न्याय मिलेगा या यह मामला भी कई अन्य मामलों की तरह फाइलों में दबकर रह जाएगा?
What's Your Reaction?






