संकिसा और अतरंजी खेड़ा: एटा सांसद ने संसद में पर्यटन विकास की उठाई मांग
लोकसभा सांसद देवेश शाक्य ने संसद में संकिसा और अतरंजी खेड़ा के सौंदर्यीकरण और विकास के लिए पर्यटन मंत्री से विशेष पैकेज की मांग की। इन स्थलों को पर्यटकों के लिए और अधिक आकर्षक बनाने के उद्देश्य से विश्राम गृह और बुनियादी सुविधाओं को सुधारने की योजना पर चर्चा की गई। उन्होंने शोरों सीकर क्षेत्र के तीर्थ स्थलों के लिए भी पर्यटन पैकेज की आवश्यकता पर जोर दिया।

INDC Network : नई दिल्ली : संकिसा और अतरंजी खेड़ा: एटा सांसद ने संसद में पर्यटन विकास की उठाई मांग
संकिसा और अतरंजी खेड़ा: बौद्ध तीर्थ स्थलों के विकास पर जोर
लोकसभा में एटा से सांसद देवेश शाक्य ने अपनी लोकसभा में स्थित दो प्रमुख तीर्थ स्थलों, संकिसा (फर्रुखाबाद) और अतरंजी खेड़ा (एटा) के पर्यटन और विकास के लिए महत्वपूर्ण मांग उठाई। इन स्थलों पर हर वर्ष हजारों पर्यटक आते हैं, लेकिन बुनियादी सुविधाओं की कमी पर्यटकों को असुविधा पहुंचा रही है। सांसद ने कहा कि इन स्थलों का सौंदर्यीकरण और बेहतर प्रबंधन पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अत्यंत आवश्यक है।
संकिसा: बौद्ध तीर्थ स्थल का महत्व
संकिसा एक प्रमुख बौद्ध तीर्थ स्थल है, जहां हर साल लाखों बौद्ध अनुयायी देश-विदेश से आते हैं। यहां कई देशों ने अपने-अपने बौद्ध मंदिर बनाए हैं। सांसद ने संकिसा में एक विश्राम गृह के जीर्णोद्धार की मांग की।
अतरंजी खेड़ा: एक ऐतिहासिक तीर्थ स्थल
अतरंजी खेड़ा, एटा जिले में स्थित एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है, जहां हर वर्ष हजारों लोग आते हैं। सांसद ने यहां पर्यटन सुविधाओं के विकास और पर्यटकों के लिए विश्राम गृह बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
शोरों सीकर: आस्था का केंद्र
जनपद कासगंज के शोरों सीकर क्षेत्र को भी एक बड़ा तीर्थ स्थल बताते हुए, सांसद ने कहा कि इस स्थान को पर्यटन विभाग के तहत बेहतर सुविधाओं के साथ विकसित करना चाहिए।
घटनाओं का विश्लेषण (टेबल)
स्थान | महत्व | मांगें |
---|---|---|
संकिसा (फर्रुखाबाद) | बौद्ध तीर्थ स्थल; लाखों पर्यटक आते हैं | विश्राम गृह का जीर्णोद्धार, सौंदर्यीकरण |
अतरंजी खेड़ा (एटा) | ऐतिहासिक तीर्थ स्थल; हजारों पर्यटकों का आगमन | विश्राम गृह का निर्माण, पर्यटन सुविधाएं |
शोरों सीकर (कासगंज) | आस्था का प्रमुख केंद्र | पर्यटन विकास के लिए विशेष पैकेज |
पर्यटन विकास की आवश्यकता
सांसद देवेश शाक्य ने संसद में पर्यटन मंत्री से विशेष आग्रह किया कि इन तीर्थ स्थलों के लिए एक पर्यटन पैकेज तैयार किया जाए। यह न केवल इन स्थलों की धार्मिक और सांस्कृतिक महत्ता को बनाए रखेगा, बल्कि क्षेत्रीय आर्थिक विकास में भी योगदान देगा।
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