बदायूं के अशोक बुद्ध बिहार में तोड़फोड़: बाबू सिंह कुशवाहा के बाद देवेश शाक्य ने कार्रवाई की मांग की
उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में स्थित ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व के सनातन अशोक पर्यटक स्थल बुद्ध बिहार, सूर्यकुंड मझिया में भगवान बुद्ध की प्रतिमा तोड़ने और परिसर पर कब्जा करने का मामला सामने आया है। यह स्थल भगवान बुद्ध के निर्वाण से जुड़ा हुआ है और बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए एक पवित्र तीर्थस्थल माना जाता है। घटना के बाद स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश और भय व्याप्त है।

INDC Network : बदायूं, उत्तर प्रदेश : उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में स्थित ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व के सनातन अशोक पर्यटक स्थल बुद्ध बिहार, सूर्यकुंड मझिया में भगवान बुद्ध की प्रतिमा तोड़ने और परिसर पर कब्जा करने का मामला सामने आया है। यह स्थल भगवान बुद्ध के निर्वाण से जुड़ा हुआ है और बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए एक पवित्र तीर्थस्थल माना जाता है। घटना के बाद स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश और भय व्याप्त है।
घटना का विवरण: तोड़फोड़ और अमानवीय व्यवहार
दिनांक 7 दिसंबर 2024 को, कुछ असामाजिक तत्वों ने बुद्ध बिहार परिसर में तोड़फोड़ की और पुण्य भाव वाले स्थानीय लोगों के साथ अमानवीय व्यवहार किया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, घटना के दौरान भगवान बुद्ध की प्राचीन प्रतिमा को तोड़ दिया गया और परिसर में अव्यवस्था फैलाने की कोशिश की गई।
स्थानीय प्रशासन और पुलिस अधिकारियों को घटना की सूचना तुरंत दी गई, लेकिन अभी तक ठोस कार्रवाई न होने से स्थानीय जनता में निराशा और गुस्सा है। घटना के विरोध में 8 दिसंबर को स्थानीय प्रशासन को ज्ञापन सौंपा गया और कठोर कार्रवाई की मांग की गई।
इतिहास और महत्व
सनातन अशोक पर्यटक स्थल बुद्ध बिहार न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि इसका ऐतिहासिक महत्व भी है। ऐसा माना जाता है कि भगवान बुद्ध ने यहां निर्वाण प्राप्त किया था और अपने अनुयायियों को उपदेश दिए थे।
यह स्थल बौद्ध धर्म के इतिहास का प्रतीक है और इसे पर्यटन विभाग द्वारा विकसित किया गया है। 2017 में उत्तर प्रदेश सरकार ने 99.96 लाख रुपये की धनराशि स्वीकृत कर इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया था।
स्थान | महत्व |
---|---|
सनातन अशोक बुद्ध बिहार | भगवान बुद्ध का निर्वाण स्थल |
सूर्यकुंड मझिया, बदायूं | प्राचीनकाल के बौद्ध स्तूप |
पर्यटन विभाग का विकास कार्य | 99.96 लाख रुपये स्वीकृत |
सांसदों का हस्तक्षेप: कार्रवाई की मांग
घटना पर नाराजगी व्यक्त करते हुए, बाबू सिंह कुशवाहा ने उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर मामले में तुरंत हस्तक्षेप की मांग की है। उन्होंने कहा कि घटना के पीछे असामाजिक तत्वों की मंशा धार्मिक और सामाजिक शांति को भंग करना है।
उन्होंने अपने पत्र में कहा, "क्या प्रशासन केवल मूकदर्शक बना रहेगा? भगवान बुद्ध की पवित्र स्थली पर इस प्रकार की तोड़फोड़ और हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी।"
इसके अलावा, एटा से सांसद देवेश शाक्य ने भी इसी मुद्दे पर पत्र लिखते हुए घटना की निंदा की। उन्होंने मांग की कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और भगवान बुद्ध की प्रतिमा को पुनः स्थापित किया जाए।
सांसद | मांग |
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बाबू सिंह कुशवाहा | दोषियों पर सख्त कार्रवाई, प्रशासनिक हस्तक्षेप |
देवेश शाक्य | प्रतिमा की पुनर्स्थापना, दोषियों की गिरफ्तारी |
स्थानीय प्रशासन पर सवाल
घटना के बाद स्थानीय लोगों ने प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल उठाए हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि पुलिस और प्रशासन को घटना की सूचना दी गई थी, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
निष्कर्ष और मांग
यह घटना न केवल धार्मिक भावनाओं को आहत करती है, बल्कि समाज में अस्थिरता का कारण भी बन सकती है। सांसदों और स्थानीय जनता ने मिलकर प्रशासन से अपील की है कि भगवान बुद्ध की प्रतिमा की पुनर्स्थापना हो, दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
प्रतिलिपि प्राप्तकर्ता
- पुलिस महानिदेशक, लखनऊ
- अपर पुलिस महानिदेशक, बरेली मंडल
- जिलाधिकारी, बदायूं
- वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, बदायूं
यह घटना दर्शाती है कि समाज में धार्मिक स्थलों की सुरक्षा के लिए प्रशासन और सरकार को सतर्कता से काम करना होगा।
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