क्या दलित संसद में भी दबाए जाएंगे? चंद्रशेखर का तीखा बयान और बहस
लोकसभा में नगीना सांसद चंद्रशेखर और राहुल गांधी ने सरकार पर कड़ा प्रहार किया। चंद्रशेखर ने सवाल उठाया कि क्या दलितों को संसद में भी बोलने नहीं दिया जाएगा। वहीं, राहुल ने यूपी की कानून व्यवस्था और सामाजिक असमानता पर सरकार को घेरा। दोनों नेताओं ने गरीब और अमीर के बीच बढ़ती खाई पर चिंता जताई।

INDC Network : नई दिल्ली : संसद में गूंजा दलितों और गरीबों का मुद्दा: चंद्रशेखर और राहुल गांधी ने सरकार को घेरा
शनिवार को लोकसभा में एक अलग ही माहौल देखने को मिला, जब नगीना से सांसद और आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर ने सरकार पर जोरदार हमला किया। वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी हाथरस केस और उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर तीखी आलोचना की।
राहुल गांधी का हमला: संविधान नहीं, मनुस्मृति लागू है
राहुल गांधी ने हाथरस केस का जिक्र करते हुए कहा कि पीड़िता का परिवार भय के साए में जी रहा है। आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं और परिवार को धमका रहे हैं। उन्होंने कहा, "यूपी में संविधान नहीं, बल्कि मनुस्मृति लागू है।"
राहुल गांधी ने उठाए सवाल
मुद्दा | राहुल गांधी का बयान |
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हाथरस रेप केस | आरोपी खुले घूम रहे, पीड़ित परिवार को धमकाया जा रहा है। |
यूपी की स्थिति | संविधान की जगह मनुस्मृति लागू। |
सामाजिक असमानता | गरीब और अमीर के बीच खाई बढ़ रही। |
चंद्रशेखर का तीखा अंदाज: दलितों को बोलने नहीं दिया जाएगा?
नगीना सांसद चंद्रशेखर ने संसद में आर्थिक असमानता और सामाजिक भेदभाव पर कड़ी बात रखी। उन्होंने पूछा, "आर्थिक बराबरी के लिए सरकार क्या कर रही है? गरीब और अमीर के बीच की खाई क्यों बढ़ रही है?"
सभापति से बहस
संसद में समय सीमा का हवाला देते हुए सभापति ने चंद्रशेखर को रोका। इस पर चंद्रशेखर ने कहा, "मैं अपनी पार्टी का सदस्य हूं और जीतकर आया हूं। किसी की दया पर यहां नहीं आया।"
अमृतकाल या धमकीकाल? चंद्रशेखर ने सरकार को घेरा
चंद्रशेखर ने मौजूदा समय को ‘अमृतकाल’ की जगह ‘धमकीकाल’ करार दिया। उन्होंने कहा, "सुबह उठते ही कहीं बम की धमकी सुनाई देती है, तो कहीं दंगे होते हैं।"
चंद्रशेखर के सवाल और बयान
मुद्दा | चंद्रशेखर का बयान |
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आर्थिक असमानता | अमीर और अमीर हो रहा है, गरीब और गरीब। |
सुरक्षा और शांति | धमकी और दंगों का दौर। |
संसद में भेदभाव | क्या दलितों को यहां भी बोलने का मौका नहीं मिलेगा? |
संसद में सामाजिक न्याय की गूंज
चंद्रशेखर और राहुल गांधी ने सरकार पर सामाजिक न्याय की उपेक्षा का आरोप लगाया। दोनों नेताओं ने गरीब और दलितों के अधिकारों की आवाज बुलंद की।
- राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह संसद में दलितों और गरीबों की आवाज उठाने का अहम मौका था।
- चंद्रशेखर का तीखा बयान सरकार की आर्थिक और सामाजिक नीतियों पर सवाल खड़ा करता है।
संसद का यह सत्र सरकार के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है। जहां राहुल गांधी ने यूपी की कानून व्यवस्था और सामाजिक असमानता पर सवाल उठाए, वहीं चंद्रशेखर ने दलितों के लिए संसद में बराबरी की मांग की। यह बहस न केवल संसद बल्कि देशभर में चर्चा का विषय बन गई है।
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