किसान आंदोलन: दिल्ली मार्च, प्रशासन को 7 दिन का अल्टीमेटम, फिर भी प्लान बरकरार
किसानों ने प्रशासन को 7 दिन का समय देते हुए दिल्ली कूच की योजना बरकरार रखी है। नोएडा के दलित प्रेरणा स्थल पर रुकने और खाने-पीने की पूरी व्यवस्था हो चुकी है। किसान संगठनों ने नए कृषि कानूनों के तहत मुआवजे और लाभ की मांग उठाई है।

INDC Network : नई दिल्ली : दिल्ली कूच की तैयारी, किसानों का प्रशासन को अल्टीमेटम
किसानों ने सोमवार (2 दिसंबर, 2024) को दिल्ली मार्च की शुरुआत की। प्रशासन के साथ बातचीत के बाद किसानों ने अस्थायी रूप से प्रदर्शन रोकने पर सहमति जताई और 7 दिनों का समय दिया। हालांकि, किसान नेताओं ने साफ कर दिया है कि अगर 7 दिनों में उनकी मांगों पर कोई निर्णय नहीं लिया गया, तो वे दिल्ली कूच करेंगे।
तारीख | घटना | प्रभाव |
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2 दिसंबर, 2024 | नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर प्रदर्शन | यातायात बाधित, बैरिकेडिंग हटाई गई |
6 दिसंबर, 2024 | दिल्ली में प्रतीकात्मक मार्च की योजना | किसान संगठनों का बढ़ा दबाव |
7 दिन बाद | प्रशासन का निर्णय | मांगें मानी गईं तो आंदोलन समाप्त, अन्यथा कूच |
प्रदर्शन स्थल पर किसानों की मजबूत तैयारियां
किसानों ने नोएडा के दलित प्रेरणा स्थल पर धरने और रुकने की पूरी तैयारी कर ली है। ठंड से बचने के लिए रजाईयां और गद्दे मंगवाए गए हैं। खाने-पीने की व्यवस्था के लिए बड़े ड्रम और बर्तन स्थल पर पहुंच गए हैं।
महिला किसानों के लिए अलग से सोने और आराम करने का प्रबंध किया गया है। प्रदर्शन स्थल पर लगभग 2 से 3 हजार किसानों के रहने की व्यवस्था की गई है।
सुविधा | विवरण |
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रुकने की व्यवस्था | रजाई, गद्दे, चबूतरे पर प्रबंध |
भोजन | बड़े ड्रम, सभी के लिए खाना |
महिला किसान | सुरक्षित स्थान पर सोने का प्रबंध |
नोएडा-दिल्ली मार्ग पर यातायात प्रभावित
किसानों के विरोध प्रदर्शन के कारण नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे और दिल्ली-नोएडा सीमा पर भारी जाम देखा गया। पुलिस ने 5000 से अधिक सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया और वाहनों की जांच के लिए बैरिकेडिंग की।
हालांकि, शाम 4 बजे तक रास्ता खोल दिया गया और बैरिकेडिंग हटा ली गई, जिससे यातायात की आवाजाही सामान्य हुई।
मांगें और दिल्ली कूच का उद्देश्य
भारतीय किसान परिषद (बीकेपी) के नेता सुखबीर खलीफा ने नए कृषि कानूनों के तहत मुआवजे और लाभ की मांग की है। इस आंदोलन को किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) और संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) जैसे प्रमुख संगठनों का समर्थन प्राप्त है।
किसान नेताओं ने प्रशासन से साफ कर दिया है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो 6 दिसंबर से दिल्ली में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू होगा।
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