लखनऊ में पटाखा फैक्ट्री में जोरदार धमाका: टीन शेड उड़ा, कारीगर दीवार के नीचे दबा
लखनऊ के गोसाईंगंज थाना क्षेत्र के जोखंडी गांव में एक पटाखा फैक्ट्री में सोमवार दोपहर जोरदार धमाका हो गया। धमाके से कारखाने का टीन शेड करीब 20 फीट ऊंचा उड़ गया और दीवारें ढह गईं। हादसे में पटाखा बना रहा कारीगर मलबे के नीचे दब गया, जिसे ग्रामीणों ने बाहर निकालकर अस्पताल भेजा। पुलिस और दमकल टीम मौके पर पहुंची और मामले की जांच शुरू की। बताया जा रहा है कि फैक्ट्री मालिक के पास पटाखा बनाने का लाइसेंस था।

INDC Network : लखनऊ, उत्तर प्रदेश : लखनऊ के ग्रामीण क्षेत्र गोसाईंगंज थाना अंतर्गत जोखंडी गांव में सोमवार दोपहर करीब 12:30 बजे एक जोरदार धमाके ने इलाके में अफरा-तफरी मचा दी। खेतों के बीच टेंपरेरी तरीके से बनाए गए पटाखा कारखाने में अचानक धमाका हो गया, जिससे कारखाने की दीवारें ढह गईं और टीन शेड तकरीबन 20 फीट की ऊंचाई तक उड़ गया।
धमाके के वक्त फैक्ट्री में कारीगर सलमान पटाखे तैयार कर रहा था, जो मलबे के नीचे दब गया। धमाके की आवाज सुनकर गांव के लोग मौके पर पहुंचे और सलमान को किसी तरह मलबे से बाहर निकाला। बताया जा रहा है कि उसका एक पैर टूट गया और शरीर के अन्य हिस्सों में भी गंभीर चोटें आई हैं। उसे तुरंत अस्पताल भेजा गया।

धमाके के बाद बारूद में लगी आग, दमकल ने संभाला मोर्चा
हादसे के बाद मौके पर आग लग गई, जिसे काबू करने के लिए दमकल की टीम को बुलाया गया। पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीमों ने पहुंचकर आग को बुझाया और फैक्ट्री की जांच शुरू की।
इंस्पेक्टर गोसाईंगंज ब्रजेश त्रिपाठी ने बताया कि, "घायल सलमान का इलाज जारी है और शुरुआती जांच में सामने आया है कि फैक्ट्री उसके चचेरे भाई निसार के नाम पर थी। निसार के पास पटाखा निर्माण का लाइसेंस था, फिर भी हादसे के कारणों की जांच की जा रही है।"
गांव के बाहर बना था अस्थायी पटाखा कारखाना
निसार, जो जोखंडी गांव का निवासी है, उसने गांव के बाहर खेत में पटाखा बनाने का कारखाना स्थापित कर रखा था। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, विस्फोट होते ही फैक्ट्री में रखे पटाखे और बारूद जलने लगे, जिससे और भी धमाके हुए।
ग्रामीणों ने बताया कि कारखाने में सुरक्षा के कोई पुख्ता इंतजाम नहीं थे और सुरक्षा मानकों की अनदेखी के चलते यह हादसा हुआ। अब प्रशासन की जांच से तय होगा कि लापरवाही किस स्तर पर हुई।
जांच के बाद होगी कार्रवाई
फिलहाल पुलिस घटनास्थल की फोरेंसिक जांच करवा रही है और फैक्ट्री के लाइसेंस व अन्य दस्तावेजों की भी पड़ताल की जा रही है। अगर नियमों का उल्लंघन पाया गया, तो फैक्ट्री मालिक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
यह हादसा एक बार फिर दिखाता है कि कैसे पटाखा फैक्ट्रियों में सुरक्षा की अनदेखी जानलेवा साबित हो सकती है।
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