लखनऊ में ED की बड़ी कार्रवाई: सपा नेता विनय शंकर तिवारी और GM अजीत पांडेय गिरफ्तार
लखनऊ में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता विनय शंकर तिवारी और गंगोत्री इंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड के महाप्रबंधक अजीत पांडेय को मनी लॉन्ड्रिंग और बैंक फ्रॉड मामले में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। यह कार्रवाई कंपनी द्वारा बैंकों से लिए गए लोन के दुरुपयोग और उससे जुड़े वित्तीय घोटाले को लेकर की गई। तिवारी के लखनऊ, गोरखपुर और मुंबई स्थित कार्यालयों पर छापेमारी में अहम दस्तावेज बरामद हुए हैं।

INDC Network : लखनऊ, उत्तर प्रदेश : उत्तर प्रदेश की राजनीति में सनसनी फैलाते हुए लखनऊ में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सोमवार को समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी को गिरफ्तार कर लिया। उनके साथ गंगोत्री इंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड के जनरल मैनेजर अजीत पांडेय को भी मनी लॉन्ड्रिंग और बैंक फ्रॉड के गंभीर आरोपों में जेल भेज दिया गया है।
ईडी की टीम ने सुबह से ही तिवारी के लखनऊ, गोरखपुर और मुंबई स्थित दफ्तरों पर एक साथ छापेमारी की, जहां से महत्वपूर्ण दस्तावेज, डिजिटल डिवाइस और बैंकिंग रिकॉर्ड जब्त किए गए। यह कार्रवाई कंपनी द्वारा बैंकों से लिए गए करोड़ों के लोन के गलत इस्तेमाल को लेकर की गई है।

गंगोत्री इंटरप्राइजेज पर करोड़ों की लोन राशि के दुरुपयोग का आरोप
गंगोत्री इंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड पर आरोप है कि उसने बैंक ऑफ इंडिया सहित अन्य बैंकों से लिए गए लोन को निर्धारित प्रोजेक्ट्स में इस्तेमाल न कर अन्य कंपनियों में ट्रांसफर कर दिया। इससे बैंकों को करोड़ों का नुकसान हुआ।
बैंक ऑफ इंडिया की शिकायत के आधार पर CBI ने सबसे पहले धोखाधड़ी का केस दर्ज किया, जिसके बाद ED ने इस मामले में प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू की।
2023 में ही बैंक ऑफ इंडिया ने आरोप लगाया था कि गंगोत्री ग्रुप ने 200 करोड़ से अधिक की लोन राशि का दुरुपयोग किया और रकम को अलग-अलग शेल कंपनियों में ट्रांसफर किया गया।
कौन हैं विनय शंकर तिवारी?
विनय शंकर तिवारी उत्तर प्रदेश के दिग्गज नेता और पूर्व मंत्री हरिशंकर तिवारी के बेटे हैं। वे पहले विधायक भी रह चुके हैं और पूर्वांचल की राजनीति में उनका अच्छा-खासा प्रभाव रहा है।
गंगोत्री इंटरप्राइजेज उनकी पारिवारिक कंपनी मानी जाती है, जो इससे पहले भी कई विवादों में घिर चुकी है। CBI और ED की नजरें लंबे समय से कंपनी की गतिविधियों पर थीं, और हालिया जांच में मिले दस्तावेजों के आधार पर अब कार्रवाई की गई है।
ED की कार्रवाई के बाद सियासी हलचल तेज
इस गिरफ्तारी से प्रदेश की राजनीति में हलचल मच गई है। समाजवादी पार्टी और तिवारी परिवार के खिलाफ यह सबसे बड़ी कानूनी कार्रवाई मानी जा रही है। ED के सूत्रों के अनुसार, मामले में आगे और गिरफ्तारियां भी हो सकती हैं।
ED अब बरामद दस्तावेजों और बैंक ट्रांजैक्शन की जांच कर यह पता लगाने में जुटी है कि लोन की रकम को किन कंपनियों और व्यक्तियों तक पहुंचाया गया।
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