अखिलेश यादव सपा के विधायकों का सफाया करने जा रहे। पूरी वजह जानिए....
उत्तर प्रदेश में हाल ही में हुए राज्यसभा चुनावों में बीजेपी ने समाजवादी पार्टी (सपा) के सात विधायकों को क्रॉस वोटिंग कराकर अपने प्रत्याशियों को जीत दिलाई। इसके बाद बीजेपी ने इन विधायकों को अनदेखा किया है, जिससे सपा के लिए राजनीतिक समस्याएं बढ़ गई हैं। अखिलेश यादव के नेतृत्व में सपा ने इन विधायकों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की तैयारी की है।

INDC Network : उत्तर प्रदेश में राज्यसभा चुनावों के दौरान बीजेपी की चाल: सपा के बागी विधायक मुश्किल में
उत्तर प्रदेश में हुए राज्यसभा चुनावों के दौरान बीजेपी ने चार माह पहले समाजवादी पार्टी (सपा) के 7 विधायकों को क्रॉस वोटिंग के लिए प्रेरित किया, जिसके परिणामस्वरूप बीजेपी के सभी प्रत्याशी जीत गए। क्रॉस वोटिंग पर किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई का प्रावधान नहीं है, न ही इसके लिए कोई व्हिप जारी होता है। इसी वजह से सपा ने इन विधायकों के खिलाफ तत्काल कोई कदम नहीं उठाया था। अब, चुनावी रणनीति में साथ देने वाले इन सपा विधायकों को बीजेपी ने नजरअंदाज कर दिया है, और अखिलेश यादव उनकी मुश्किलें बढ़ा सकते हैं।
सपा का कड़ा रुख :-
समाजवादी पार्टी ने घोषणा की है कि वह इन सभी विधायकों के खिलाफ विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष शिकायत दर्ज करेगी और उनकी सदस्यता रद्द कराने की मांग करेगी। सपा का कहना है कि इन विधायकों की स्थिति खराब है क्योंकि बीजेपी से उन्हें कोई विशेष लाभ नहीं मिला और अब बीजेपी भी उन्हें महत्व नहीं दे रही है।
विधायकों को संभावित नुकसान:-
यदि इन विधायकों की सदस्यता रद्द हो जाती है, तो वे गंभीर नुकसान में होंगे। राज्य में विधानसभा चुनाव हुए केवल दो साल ही हुए हैं और अभी तीन साल का कार्यकाल शेष है। इनमें से किसी भी विधायक को बीजेपी ने लोकसभा चुनाव के लिए टिकट नहीं दिया था। यदि सदस्यता रद्द होती है, तो वे किसी भी सदन के सदस्य नहीं रहेंगे और उनका राजनीतिक भविष्य भी खतरे में पड़ सकता है।
प्रमुख विधायकों की स्थिति:-
सपा के बागी विधायक मनोज पांडेय, जो पार्टी के चीफ व्हिप थे, रायबरेली की ऊंचाहार सीट से विधायक हैं। रायबरेली में बीजेपी को कांग्रेस नेता राहुल गांधी से हार का सामना करना पड़ा था। पूजा पाल, राकेश पांडेय, विनोद चतुर्वेदी, आशुतोष वर्मा, और अभय सिंह जैसे अन्य विधायक भी अपनी-अपनी लोकसभा सीटों पर बीजेपी को कोई खास फायदा नहीं पहुंचा पाए थे। नतीजों के बाद से भाजपा ने इन विधायकों से दूरी बनाए रखी है और अब समाजवादी पार्टी इनके खिलाफ बड़ा एक्शन लेने की तैयारी में है।
अखिलेश यादव का कड़ा संदेश:-
सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि धोखा देने वालों को माफी नहीं दी जाएगी। सपा का कहना है कि गलतियों के लिए माफी हो सकती है, लेकिन षडयंत्र के लिए नहीं। ऐसे में सपा अपने बागी विधायकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के संकेत दे रही है।
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