बुद्ध महोत्सव 2024: संकिसा, फर्रुखाबाद में दो दिवसीय आयोजन के लिए बैठक में लिए गए कई निर्णय
बुद्ध महोत्सव 2024 का आयोजन 16 और 17 अक्टूबर को संकिसा, फर्रुखाबाद में किया जाएगा। मेला आयोजकों ने एक महत्वपूर्ण बैठक में सुरक्षा, भोजन और अन्य सुविधाओं पर चर्चा की। संकिसा, जहां भगवान बुद्ध का अवतरण हुआ था, एक महत्वपूर्ण बौद्ध तीर्थ स्थल है। इस आयोजन में लाखों अनुयायी भाग लेंगे और बुद्ध की शिक्षाओं को आत्मसात करेंगे।

INDC Network : फर्रुखाबाद : बुद्ध महोत्सव संकिसा, फर्रुखाबाद का आयोजन पिछले 50 वर्षों से अधिक समय से निरंतर हो रहा है। इस वर्ष 2024 में यह आयोजन 16 और 17 अक्टूबर को किया जाएगा। मेला की सुचारू व्यवस्था के लिए हाल ही में मेला आयोजकों की एक महत्वपूर्ण मीटिंग आयोजित की गई, जिसमें कई निर्णायक फैसले लिए गए।
इस मीटिंग में स्थानीय क्षेत्र के कई प्रमुख लोग उपस्थित थे, जिनमें कर्मवीर शाक्य, नागेंद्र शाक्य, देवेश शाक्य, कालीचरण शाक्य, शिव शरण शाक्य, कुलदीप कठेरिया, राजेश्वरी बौद्ध, सुशील कुमार शाक्य, रोहित शाक्य, राजकमल शाक्य, मोहित शाक्य, अर्पित शाक्य, रुद्र शाक्य और प्रांशु शाक्य जैसे लोग शामिल थे। सभी ने अपने-अपने विचार और प्रस्ताव आयोजकों के समक्ष रखे।
कर्मवीर शाक्य ने कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव प्रस्तुत किए। इन प्रस्तावों में मेला में आने वाले लाखों अनुयायियों की सुरक्षा व्यवस्था, उनके भोजन की व्यवस्था और अन्य सुविधाओं की योजना शामिल थी। मीटिंग के दौरान मुख्य और विशिष्ट अतिथियों पर भी चर्चा हुई, लेकिन इस बार उनके नाम का खुलासा नहीं किया गया।
इस आयोजन को सफल बनाने के लिए हर साल की तरह इस बार भी क्षेत्रीय लोगों की भागीदारी और सहयोग पर जोर दिया गया, जिससे बुद्ध महोत्सव 2024 को सफलतापूर्वक संपन्न किया जा सके
संकिसा, जिसे संकिसा नगर या संकिसा श्रावस्ती भी कहा जाता है, उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिले में स्थित एक ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल है। यह स्थान बौद्ध धर्म से जुड़े महत्वपूर्ण स्थलों में से एक है, जहां भगवान बुद्ध से संबंधित कई पौराणिक और ऐतिहासिक घटनाएं घटित हुई हैं।
संकिसा का प्रमुख महत्त्व इस बात से है कि यह वही स्थान है जहाँ भगवान बुद्ध ने अपने स्वर्ग से पृथ्वी पर अवतरण किया था। बौद्ध ग्रंथों के अनुसार, भगवान बुद्ध अपनी माता महामाया देवी से मिलने के लिए तावतिंसा स्वर्ग गए थे, और वहीं से उन्होंने पृथ्वी पर संकिसा में अवतरण किया। इसी अवतरण की स्मृति में यहां एक विशाल स्तूप और अशोक स्तंभ की स्थापना की गई थी, जो आज भी बौद्ध धर्मावलंबियों के लिए एक प्रमुख तीर्थ स्थल है।
हर वर्ष संकिसा में बुद्ध महोत्सव का आयोजन किया जाता है, जिसमें देश-विदेश से लाखों अनुयायी आते हैं। यह महोत्सव बौद्ध अनुयायियों के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक अवसर होता है, जहां वे भगवान बुद्ध की शिक्षाओं को याद करते हैं और उन्हें अपने जीवन में आत्मसात करने का संकल्प लेते हैं।
संकिसा का सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व न केवल बौद्ध धर्म तक सीमित है, बल्कि यह भारतीय इतिहास के लिए भी एक महत्वपूर्ण स्थल है। यहां खुदाई के दौरान कई ऐतिहासिक अवशेष प्राप्त हुए हैं, जो इस क्षेत्र के समृद्ध अतीत की गवाही देते हैं।
संकिसा आज भी अपने शांतिपूर्ण वातावरण और धार्मिक महत्व के कारण लोगों को आकर्षित करता है। यह स्थान भारतीय संस्कृति, इतिहास और धर्म की विविधता और समृद्धि का प्रतीक है, और इसे एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है।
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