फर्रुखाबाद में गूंजेगी बॉलीवुड की धड़कन: ‘जिंदगी फ्यूज’ फिल्म की शूटिंग शुरू
फर्रुखाबाद में हिंदी फीचर फिल्म "जिंदगी फ्यूज" की शूटिंग शुरू हो गई है। यह फिल्म सामाजिक मुद्दों पर आधारित है और समाज का आईना दिखाने का प्रयास करेगी। निर्माता/निर्देशक डॉ. भारत चंद्र गोड ने बताया कि फिल्म उत्तर प्रदेश सरकार की फिल्म नीति के तहत बनाई जा रही है, जिससे प्रदेश के कलाकारों को मौका मिलेगा। फिल्म का फिल्मांकन फर्रुखाबाद में हो रहा है, जिससे स्थानीय पर्यटन और संस्कृति को भी बढ़ावा मिलेगा।

INDC Network : फर्रुखाबाद, उत्तर प्रदेश : फर्रुखाबाद में हिंदी फीचर फिल्म "जिंदगी फ्यूज" की शूटिंग शुरू हो गई है। यह फिल्म सामाजिक मुद्दों पर आधारित है और समाज का आईना दिखाने का प्रयास करेगी। निर्माता/निर्देशक डॉ. भारत चंद्र गोड ने बताया कि फिल्म उत्तर प्रदेश सरकार की फिल्म नीति के तहत बनाई जा रही है, जिससे प्रदेश के कलाकारों को मौका मिलेगा। फिल्म का फिल्मांकन फर्रुखाबाद में हो रहा है, जिससे स्थानीय पर्यटन और संस्कृति को भी बढ़ावा मिलेगा।
‘जिंदगी पयुज’ का भव्य फिल्मांकन फर्रुखाबाद में शुरू
रश्मि फीचर फिल्म्स के बैनर तले बनने वाली हिंदी फीचर फिल्म "जिंदगी फ्यूज" की शूटिंग रविवार से फर्रुखाबाद में शुरू हो गई। इस फिल्म के निर्माता और निर्देशक डॉ. भारत चंद्र गोड ने सभी औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद फिल्मांकन का शुभारंभ किया।
यह फिल्म सामाजिक विषयों पर केंद्रित होगी और इसमें समाज की हकीकत को दर्शाने का प्रयास किया जाएगा। फिल्म न केवल मनोरंजन बल्कि दर्शकों के लिए एक प्रेरणादायक संदेश देने वाली होगी।
फिल्म के बारे में खास बातें
फिल्म का नाम | "जिंदगी पयुज" |
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निर्माता/निर्देशक | डॉ. भारत चंद्र गोड |
फिल्म का विषय | सामाजिक मुद्दों पर आधारित |
शूटिंग स्थान | फर्रुखाबाद, उत्तर प्रदेश |
सरकारी सहयोग | उत्तर प्रदेश फिल्म नीति |
स्थानीय कलाकारों का चयन | हां, प्रदेश के कलाकारों को मौका |
पर्यटन को बढ़ावा | हां, फिल्म से पर्यटन लाभान्वित होगा |
उत्तर प्रदेश फिल्म नीति का लाभ
फिल्म "जिंदगी फ्यूज" को उत्तर प्रदेश सरकार की नई फिल्म नीति के अनुरूप बनाया जा रहा है। इस नीति के तहत फिल्म निर्माण को प्रोत्साहन मिलता है, जिससे स्थानीय कलाकारों और तकनीशियनों को बड़े पर्दे पर आने का मौका मिलता है।
निर्देशक डॉ. भारत चंद्र गोड ने बताया कि फिल्म को फर्रुखाबाद में शूट करने का मुख्य उद्देश्य प्रदेश की कला, संस्कृति और टैलेंट को बढ़ावा देना है। यह फिल्म यूपी में फिल्मों के लिए बढ़ते अवसरों को भी दर्शाती है।
‘ऑपरेशन मामू’ पर आधारित फिल्म!
फिल्म की कहानी सच्ची घटनाओं से प्रेरित है और यूपी सरकार के ‘ऑपरेशन मामू’ से जुड़ी बताई जा रही है। हालांकि, इस विषय पर अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन माना जा रहा है कि फिल्म में एक जबरदस्त सामाजिक संदेश छिपा है।
फिल्म से पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
फर्रुखाबाद में पहली बार किसी बड़े हिंदी फीचर फिल्म का फिल्मांकन हो रहा है। इससे शहर को एक नई पहचान मिलेगी और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
स्थानीय लोगों का मानना है कि इससे रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे। शूटिंग के दौरान फिल्म इंडस्ट्री के कई विशेषज्ञ और तकनीशियन शहर में रहेंगे, जिससे स्थानीय व्यवसायों को भी फायदा होगा।
स्थानीय कलाकारों को मिलेगा बड़ा अवसर
फिल्म की सबसे खास बात यह है कि इसमें उत्तर प्रदेश के स्थानीय कलाकारों को प्राथमिकता दी गई है। इससे न केवल नए कलाकारों को मंच मिलेगा बल्कि प्रदेश के फिल्म उद्योग को भी नई ऊर्जा मिलेगी।
डॉ. भारत चंद्र गोड का कहना है, "हमारा लक्ष्य प्रदेश की प्रतिभाओं को मौका देना और उन्हें बॉलीवुड के स्तर पर पहचान दिलाना है।"
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